“ISRO की सतर्कता ने बचाई चार अंतरिक्ष यात्रियों की जान: फाल्कन-9 रॉकेट में समय रहते पकड़ी गई खतरनाक लीक

ISRO की सतर्कता ने बचाई चार अंतरिक्ष यात्रियों की जान! स्पेसX के #Falcon-9 रॉकेट में खतरनाक लीक को समय रहते पकड़ा!
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में अमेरिकी कंपनी #SpaceX की ऐक्सियम-4 (Axiom-4) मिशन के फाल्कन (Falcon-9) रॉकेट में एक खतरनाक लीक (फ्यूल लाइन में दरार) की समय रहते पहचान कर ली, जिससे चार अंतरिक्ष यात्रियों— जिनमें भारतीय #वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी शामिल थे— की जान जोखिम में पड़ने से बच गई।
इसरो के चेयरमैन, वी. नारायणन ने आज बताया कि मिशन के प्री-लॉन्च परीक्षणों में ऑक्सीजन सेंसर के डेटा में संदिग्ध परिवर्तन दिखा, जिसे लेकर ISRO ने स्पेसX से जवाब मांगे।
SpaceX की टीम ने पहले इस लीक को ‘मामूली’ बताकर टालने की कोशिश की, पर ISRO ने 14 सवाल पूछे और पारदर्शिता की मांग की।
और अधिक जांच का दबाव पड़ने के बाद पता चला कि यह मामूली रिसाव नहीं, बल्कि फ्यूल लाइन में गंभीर दरार थी, जिससे फ्लाइट के दौरान विस्फोट का खतरा था।
इसरो की सख्ती और पूरी तरह दुरुस्त होने तक लॉन्च रोकने की मांग के चलते, लॉन्च कुछ ही घंटे पहले स्थगित कर दिया गया, जो आप सभी को याद भी होगा।
इसरो ने केवल जवाब मांगने तक सीमित नहीं रखा, बल्कि वैज्ञानिक जाँच, विस्तृत टेस्टिंग और लो-टेम्परेचर लीक टेस्ट की भी ज़िद की।
अंततः इसी कड़े रवैये का नतीजा था कि क्रू और रॉकेट की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकी और संभवतः अंतरिक्ष इतिहास की बड़ी दुर्घटना टल गई।
ISRO की तत्परता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की तकनीकी क्षमता और सतर्कता प्रदर्शित किया।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सहित सभी चार वैज्ञानिकों की जान खतरे से बच गई।
ISRO चेयरमैन ने कहा कि—
“SpaceX ने शुरू में लीक को हल्के में लिया, लेकिन ISRO की जाँच और पारदर्शिता की ज़िद ने सच सामने ला दिया—यह मामूली रिसाव नहीं बल्कि बेहद खतरनाक दरार थी।”
यह #अमेरिकी वैज्ञानिकों की लापरवाही कहें या कोई गंभीर #साजिश जिसकी परिणति यदि किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना में होती तो कांग्रेसी विदूषक तो सम्वेदना व्यक्त करने की बजाय नंग नाच पर उतारू हो जाता।